आजकल Yashasvi Jaiswal का नाम खूब चर्चा में है। उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ दिया और 171 रनों की पारी खेली जिसकी वजह से उनकी हर तरफ़ प्रशंसा हो रही है और लोग उनको फ्यूचर स्टार के रूप में देखने लगे हैं। पर क्या आप जानते हैं कि 21वर्षीय Yashasvi Jaiswal ने 10 साल से अपने घरवालों के साथ दीवाली नहीं मनायी। आख़िर इसके पीछे कि वजह क्या है? क्यों उन्होंने 10 वर्षों से परिवार के साथ दीवाली नहीं मनायी? आइये इसके पीछे कि वजह जानते हैं।
कौन हैं Yashasvi Jaiswal?
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) एक भारतीय क्रिकेटर हैं जो बल्लेबाज़ी करते हैं। उन्होंने 28 दिसंबर 2001 को सूर्यवान, उत्तर प्रदेश में जन्म लिया था। उन्हें मुंबई क्रिकेट संघ (Mumbai Cricket Association) के अंतरविद्यालय क्रिकेट में उनके प्रदर्शन के लिए विशेष चर्चा मिली है।
यशस्वी जयसवाल को सबसे पहली बार 2019-20 में मुंबई इंडियन्स (Mumbai Indians) के लिए खेलते हुए आईपीएल (IPL) में देखा गया था। उन्होंने उम्र की किसी भी अन्य भारतीय क्रिकेटर से ज्यादा उम्र में 88 रनों की एक बड़ी पारी खेली और उन्हें आईपीएल के युवा खिलाड़ी ऑफ दी सीजन (Young Player of the Season) अवार्ड से सम्मानित किया गया।
Yashasvi Jaiswal को उनकी प्रदर्शन की वजह से अगले वर्ष की भारतीय टीम के साथ उन्हें न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड की युवा टीम के ख़िलाफ़ खेलने के लिए चुना गया। 2020 में, उन्होंने भारतीय युवा टीम के साथ ICC युवा विश्व कप (ICC Under-19 World Cup) जीता, जहां उन्होंने प्रदर्शन में चमक दिखाई और उन्हें तीन मैचों में 400+ रन और 13 विकेट मिले। उन्होंने फाइनल में बांगलादेश के खिलाफ 88 रन बनाए, जिससे उन्हें मान-सम्मान की उच्चता मिली।
Yashasvi Jaiswal क्रिकेट के अलावा एक बेहतरीन कीर्तिमानधारी भी हैं। उन्होंने सबसे तेज़ शतक बनाने वाले खिलाड़ियों में एक कीर्तिमान बनाया और उन्होंने मुंबई इंडियन्स के खिलाफ 39 गेंदों पर शतक बनाया।
Yashasvi Jaiswal को उनके नवाचारी खेल और मार्गदर्शन के लिए बड़ा प्रशंसा मिली है। उन्हें एक नवाचारी और युवा खिलाड़ी के रूप में अग्रसर होने की उम्मीद की जाती है और उनका भविष्य भारतीय क्रिकेट के लिए उज्ज्वल दिखाई देता है।
Yashasvi Jaiswal को छोड़ना पड़ा था अपना घर
क्रिकेट के लिए यशस्वी जयसवाल को 10 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर मुंबई आना पड़ा था, अपने पिता के उस सपने को साकार करने के लिए जो उन्होंने यशस्वी के लिए देखा था। यशस्वी के पिता एक छोटा सा स्टोर चलाते हैं और उनकी माँ घर का काम करती थीं। पर अपने बेटे के लिए उन्होंने बड़े ख़्वाब देखे थे जिन्हें उनके बेटे ने सच कर दिखाया।अब यह एक पिता की ज़िद्द समझ लो या उनका अपने बेटे के प्रति स्नेह, जिसकी वजह से उन्होंने अपने 10 वर्षीय बेटे को अपने से दूर कर दिया ताकि उसका सपना पूरा हो जाये। एक पिता की ज़िद्द और एक बेटे का ख़्वाब ही था जिसने यशस्वी जयसवाल को सफलता दिलायी।
क्यों नहीं मनायी यशस्वी ने 10 वर्ष से अपने परिवार के साथ दीवाली?
10 वर्ष पहले Yashasvi Jaiswal की उम्र केवल 10 बरस की होगी, यानी एक छोटा सा बच्चा, जो अपने परिवार से कुछ घंटे भी दूर नहीं रह पाता, उस समय क्या ही बीती होगी Yashasvi Jaiswal पर जब वो दीवाली पर भी अपने परिवार से नहीं मिल पाये थे। जिस उम्र में बच्चा अपनी ज़िदें पूरी करवाता है उस उम्र में यशस्वी अपने पिता की ज़िद्द और अपना सपना पूरा करने के लिए घर छोड़ कर मुंबई आ गये थे और लगातार 10 साल से वह दीवाली अपने परिवार के साथ नहीं मना पाते हैं क्योंकि उन्हें अपना करियर बनाना था, उनके अंदर कुछ कर दिखाने का जज़्बा था, वह अपने पिता की ज़िद्द और अपना सपना पूरा करना चाहते थे।
Yashasvi Jaiswal ने कई बार भारी दिल से अपने जज़्बात साझा किए हैं कि कैसे वह अपने जज़्बातों पर क़ाबू करते हैं। कुछ साल पहले उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट भी साझा किया था जिसमें उन्होंने परिवार प्रेम के बारे में बहुत कुछ लिखा था और ये भी लिखा था कि वह अपने परिवार के साथ दीवाली नहीं मना पाते।
यशस्वी ने अपने माता पिता के लिए एक संदेश भी लिखा था जिसमें उन्होंने अपने माता पिता के प्यार और त्याग का वर्णन किया था, उन्होंने लिखा था “मैं वहां पहुंचने की कोशिश कर रहा, जहां जाना चाहता हूँ। आपके शब्द मुझे हर पल हार न मानने के लिए प्रेरित करते हैं और आपका यह कहना कि मत घबराओ तुम यह कर सकते हो, मुझमें नया जोश भर देता है। मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आपने मुझे क्रिकेट खेलने का यह सपना दिखाया। यह आपका(पिता) सपना था, जिसे पूरा करने के लिए मैंने खेलना शुरू किया।”
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