जहां एक तरफ़ हमारे देश में इतनी ग़रीबी है वही दूसरी तरफ़ हमारे देश में अमीर लोगों की भी कमी नहीं है। विश्व के अमीर व्यक्तियों में से एक हैं बिल गेट्स जिन्हें बहुत बड़ा दानवीर माना जाता है। पर हमारे देश में भी कुछ कम दानवीर लोग नहीं हैं। इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी 6000 करोड़ की संपत्ति दान में दे दी।
यक़ीन नहीं हो रहा ना लेकिन यह बिलकुल सच है, श्री राम ग्रुप के फाउंडर आर त्यागराजन ने अपनी 6000 करोड़ की संपत्ति अपने वर्कर्स में बाँट दी। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि करोड़ो का कारोबार करने वाले आर त्यागराजन के पास अपना ख़ुद का मोबाइल फ़ोन भी नहीं है। पर कर्मचारियों पर ऐसी दरियादिली हमने तो कभी नहीं देखी भई। अब जिसके नाम में ही त्याग हो वह तो होगा ही महापुरुष।
एक दान ऐसा भी…
व्यापारी और इंडस्ट्रियलिस्ट अक्सर दान करते रहते हैं कभी समाजिक कार्यों में तो कभी प्राकृतिक आपदाओं में। लेकिन आर त्यागराजन एक ऐसे व्यापारी हैं जिन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए अपना सम्पूर्ण धन दान कर दिया है। दानवीर करण की ही तरह यह कारोबारी भी अपनी सारी संपत्ति दान कर चुके हैं। श्रीराम ग्रुप के फाउंडर आर त्यागराजन ने अपने कर्मचारियों को अपनी सम्पत्ति कर के कलयुग के दानवीर बन गये हैं।
कौन हैं आर त्याग्रजन
श्रीराम ग्रुप के संस्थापक आर त्यागराजन का जन्म तमिलनाडु के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने गणित में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और फिर कोलकाता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान से मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त कर ली। वर्ष 1961 में वह न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में शामिल हो गए।
लगभग 20 वर्षों तक नौकरी करने के बाद उन्होंने खुद का व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया। और 1974 में उन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर श्रीराम ग्रुप की स्थापना की। कंपनी की शुरुआत चिट फंड बिज़नेस के रूप में हुई लेकिन बाद में उन्होंने लोन और बीमा के क्षेत्र में अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया।
ग़रीब लोगों को दिया रोज़गार
श्रीराम ग्रुप भारत की प्रमुख नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक है जो गरीबों को वाहन ख़रीदने के लिए लोन प्रदान करती है। वे जरूरतमंद लोगों को लोन प्रदान करते हैं और साथ ही इंश्योरेंस भी करते हैं। कंपनी ने अब तक 1,08,000 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया है।
उन्होंने इस इंटरव्यू में बताया था कि वे अपने कर्मचारियों की सैलरी को बाजार के मुकाबले कम रखते हैं लेकिन उन्होंने उन्हें उनकी normality के अनुसार ही रखा है ताकि वे खुश रह सकें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कर्मचारी इस व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
क्यों नहीं रखते आर त्यागराजन फ़ोन?
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके पास कभी मोबाइल फोन नहीं होता क्योंकि वे लोगों से जुड़े रहना पसंद करते हैं। उन्होंने बहुत सालों तक हैचबैक ही चलायी है। उन्होंने अपने परिवार को अपने व्यवसाय से अलग रखा रखा है।
वे चाहते थे कि उनके परिवार के किसी सदस्य को कंपनी की मैनेजमेंट टीम या डायरेक्टर के पदों में कोई भी जगह नहीं मिले। उनके बेटे टी शिवरमन एक इंजीनियर हैं। उनके छोटे बेटे सीए हैं और वे श्रीराम ग्रुप में एक कर्मचारी के रूप में काम करते हैं। उनकी कंपनी ने 2024 के सिर्फ़ पहले तिमाही में ही 1675 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया था।
क्यों दान कर दी सारी दौलत आर त्यागराजन ने?
हाल ही में ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में 86 वर्षीय त्यागराजन ने बताया कि उन्होंने अपनी 750 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 6 हजार करोड़ रुपये की दौलत को दान कर दिया है। उन्होंने अपने कर्मचारियों को अपनी सारी संपत्ति दान करने का निर्णय लिया और अपने लिए बस एक छोटा सा घर और एक कार ही रखी।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के एक समूह को अपनी सारी हिस्सेदारी दे दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें मुश्किलों में फंसे लोगों के जीवन में कुछ आसानी और सुकून लानी की इच्छा थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पैसों की ज़रूरत न पहले थी और न अब है। वे अपना ज़्यादातर वक्त संगीत सुनने और विदेशी बिज़नेस मैगज़ीन को पढ़ने में बिताते हैं।
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