बॉलीवुड की अदाकारा बिपाशा बसु (Bipasha Basu) तो अब फिल्मी दुनिया से दूर हो गई हैं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत जिंदगी के कारण वे अब भी चर्चा में रहती हैं। वे मदरहुड एंजॉय कर रही हैं। पिछले साल, बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर ने शादी के 6 साल बाद माता-पिता बनने का सुख पाया। उन्होंने अपनी प्यारी बेटी को ‘देवी’ का नाम दिया। रोज़ाना, उनकी छोटी सी परी की तस्वीरें उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा की जाती हैं। हालांकि, हाल ही में उन्होंने अपनी बेटी के साथ एक खुलासा किया है, जिसने सभी को चौंका दिया।
मुद्दा क्या है?
बिपाशा बसु की तीन महीने की बेटी, देवी, को इतनी छोटी उम्र में एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, जिसने बच्ची के जीवन को खतरे में डाल दिया था। जी हां, हाल ही में नेहा धूपिया के साथ एक बात चीत की दौरान अभिनेत्री ने ये बात पब्लिक की जिसमे उन्होंने अपने और अपने पति के, बच्ची की बिमारी, को लेकर मुश्किल दौर के बारे में बताया, और ये सब बताते हुए उनकी आंखें भर आईं। आइए जानते हैं आखिर किस मर्ज से जूझ रही थी बिपाशा की बेटी देवी?
बेटी की बिमारी के बारे में बात करते हुए इमोशनल हुई अभिनेत्री
बिपाशा बसु ने बताया कि उनके लिए पहले पांच महीने काफी कठिन रहे हैं। बेटी के जन्म ने उन्हें इतनी खुशी प्रदान की थी लेकिन यह बिमारी बहुत मुश्किलें लेकर आ गई थी। वे बता रही हैं कि डॉक्टरों ने उन्हें हर महीने बेटी की स्थिति को जांचने के लिए स्कैन करवाने की सलाह दी थी, ताकि उसकी स्तिथि के बारे में पता चलता रहे।नेहा से इंस्टग्राम लाइव पर साझा किया दिल का हाल
अभिनेत्री बिपाशा बासु ने हाल ही में अपनी बेटी देवी बासु सिंह ग्रोवर की जन्मगत हृदय समस्या के बारे में खुलकर बात की, जिससे उनके पति करण सिंह ग्रोवर और उनकी मातृत्व यात्रा में चुनौतियाँ आई। बासु ने बताया कि वह मां बनने के तीसरे दिन ही जान पाई कि देवी का दिल दो छिद्रों वाला पैदा हुआ था और उसे वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट नामक समस्या का संदर्भ था। “पहले पांच महीने हमारे लिए काफी कठिन रहे हैं। लेकिन देवी ने पहले ही दिन से शानदार प्रदर्शन किया है। हमें कहा गया था कि हर महीने हमें स्कैन करवाना होगा ताकि पता चले कि यह खुद से ठीक हो रहा है या नहीं। लेकिन वे बड़े छेद थे, हमें बताया गया था कि संदेह है, आपको सर्जरी करवानी होगी। और यह सर्जरी बच्चे की तीन महीने की उम्र में सबसे अच्छा होता है,” बिपाशा ने अभिनेत्री नेहा धूपिया के साथ इंस्टाग्राम लाइव में साझा किया।
“हमारी यात्रा किसी सामान्य मां-पिता की यात्रा से काफी अलग रही है, जिसमें मेरे चेहरे पर जो मुस्कान है, उसके मुकाबले बहुत ज्यादा कठिनाईयाँ थी। मैं किसी मां को ऐसा कभी भी नहीं चाहूँगी। एक नई मां के लिए, जब आपको पता चलता है कि… मुझे मेरी बेटी के जन्म के तीसरे दिन ही पता चला कि उसके दिल में दो छेद हैं। मैंने सोचा कि मैं इसे शेयर नहीं करूंगी, लेकिन मैं इसलिए इसे शेयर कर रही हूँ क्योंकि मेरी यात्रा में ऐसी कई माएं थीं, जिन्होंने मेरी सहायता की थी, और उन माओं को ढूंढना बहुत मुश्किल था…” बिपाशा ने एक इंस्टाग्राम लाइव में अभिनेत्री नेहा धूपिया के साथ बातचीत करते समय कहा।
आगे अभिनेत्री बताती हैं, “तीसरे महीने जब हम स्कैन के लिए गए, मैंने पूरी तरह से तय किया, सर्जन से मिले, अस्पतालों में गए, डॉक्टरों से बात की, और मैं तैयार थी, करण तैयार नहीं थे। मुझे पता था कि वह ठीक होना चाहिए और मैं जानती थी कि वह ठीक होगी। और वह अब ठीक है। लेकिन मुश्किल निर्णय यह था कि अपने बच्चे की सही जगह और सही समय पर सर्जरी कराना।”
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कैसे हुई सर्जरी?
छेद काफी बड़ा था और उसे स्वयं भरने की संभावना कम थी, इसलिए सर्जरी की जरूरत पड़ी। इस सर्जरी के बारे में उन्होंने बताया कि वह छः घंटे तक चली और उन्होंने ’40 दिन और 40 रातें’ तक सोने से भी इनकार कर दिया।
क्या है बिमारी?
इस समस्या का नाम ‘वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट’ (VSD) है, जिसमें हृदय की दीवार के बीच एक या दो छेद होते हैं, जो दोनों निचले वेंट्रिकल्स के बीच में स्थित होते हैं। इसके प्रभाव से शिशु के विकास में कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं और सांस, पोषण, धड़कन और वजन वृद्धि जैसे क्षेत्रों में दिक्कतें आ सकती हैं। बिपाशा बसु ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के इस लक्षण के बारे में जन्म देने के कुछ दिन बाद ही पता चल गया था। देवी के दिल में दो छिद्र थे और वह वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) के संकेतों से प्रभावित थीं।वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के लक्षण
वीएसडी वाले रोगी जन्म से ही या अपने बचपन में ही लक्षण दिखा सकते हैं, और लक्षण छेद के आकार पर भी निर्भर करते है। बड़े दोषों में आमतौर पर प्रमुख लक्षण प्रकट होते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. सांस लेने में कठिनाई: वेंट्रिकल्स के बीच रक्त की अव्यवस्थित प्रवाह के कारण, दिल को ऑक्सीजन युक्त रक्त पंप करने के लिए कठिनाई आ सकती है, जिससे सांस लेने में और तेजी से सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
2. मांसपेशियों के साथ कठिनाई: वीएसडी वाले शिशु को पोषण लेने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि वह प्रक्रिया के दौरान आसानी से थक जाता है।
3. हृदय की धड़कन में अनियमितता: शारीरिक गतिविधियों या भावनात्मक तनाव के दौरान विशेषकर अनियमित हृदयध्वनियाँ या धड़कन के असमान ध्वनियाँ महसूस की जा सकती हैं।
4. वजन ना बढ़ने की समस्या: प्रभावित शिशु में पर्याप्त ऑक्सीजनयुक्त रक्त परिसंचरण सही ग्रोथ और वजन वृद्धि को बाधित कर सकता है।
रो पड़ी बिपाशा..
स्थिति के बारे में आगे बिपाशा बताते हुए रो पड़ी, उन्होंने बताया, “हमें तो समझ में ही नहीं आया कि ‘वीएसडी’ क्या है। यह हृदय की दीवार में एक वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट है… हमने एक बेहद मुद्दत तक यह सब झेला। हमने अपने परिवार से यह बात नहीं की, हम दोनों के आगे सब धुंधला हो गया था। हम थोड़े बेहोश थे, मैं और करण दोनों।” और फिर उन्होंने सर्जरी का निर्णय लिया।
और अब देवी की हालत के बारे में उन्होंने बताया कि अब देवी बेहतर है।
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