कौन हैं Punjab’s Dhirubai Ambani ? 130 रुपये से ऐसे बनाई 17000 करोड़ की प्रॉपर्टी। वह FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश की एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत् हैं। आइये जानते हैं कि कौन हैं यह दिग्गज।
वर्तमान समय में देश में कई धनी व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने मेहनत और समर्पण से विशाल संपत्ति की शानदार इमारत बनायी है। इस लेख में, हम एक ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे, जिसने वस्त्रांत से समर्थक तक का सफर पूरा किया है। यह व्यक्ति एक साधारण से काम से शुरुआत करके आज 17,000 करोड़ रुपये के संपत्ति का महाराजा बन गया है। उन्हें पंजाब के ‘धीरूभाई अंबानी’ के नाम से पुकारा जाता है। वह ट्राइडेंट लिमिटेड के कॉर्पोरेट एडवाइजर और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन के रूप में सेवा कर रहे हैं।
कौन हैं धीरूभाई अंबानी?
धीरुभाई अंबानी, भारत के एक प्रमुख उद्योगपति और व्यवसायी थे जिन्हें उनके उदार विचारधारा, अद्भुत कारोबारी दृढ़ता और निरंतर सफलता के लिए याद किया जाता है। वे अपने कारोबारी परंपरा के श्रेष्ठ उदाहरणों में से एक थे और उनका व्यवसायिक सफलता पूरे देश में उन्हें प्रसिद्ध किया गया।
धीरुभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932 को गुजरात के छोरवाड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिराम अंबानी था, जो एक छोटे से मुद्राफ्फर व्यवसायी थे। धीरुभाई की माता का नाम जम्नाबेन था।
धीरुभाई अंबानी ने अपने जीवन की पहली पढ़ाई गुजरात के छोरवाड़ा में पूरी की और उन्होंने अधिकांश शिक्षा वहां से ही प्राप्त की। वे अपने पढ़ाई के दौरान ही उद्यमी और उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयारी करने लगे थे।
1958 में धीरुभाई ने मुंबई आकर तेजी से अपना कारोबारी करियर शुरू किया और उन्होंने रिलायंस कॉम्युनिकेशंस कंपनी की स्थापना की। धीरुभाई की सफलता का निर्माण इसी कंपनी के माध्यम से हुआ। बाद में इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम दिया गया और उसके बाद से ही इस कंपनी ने बड़ी तेजी से विकास किया। वे एक समय में वहां से पानी की बोतलें बेचते थे और आज रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारत के सबसे बड़े कंपनियों में से एक माना जाता है, जिसमें पेट्रोलियम, गैस, पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम, रिटेल, इंटरनेट, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, और अन्य क्षेत्रों में व्यापारिक सक्रियता होती है।
धीरुभाई अंबानी की सफलता का रहस्य उनकी अनथक मेहनत, विश्वास, और नौकरशाही में रहा। उन्होंने विभिन्न कठिनाइयों का सामना किया और अच्छी तरह से उनसे निपटने का काम किया। धीरुभाई अंबानी की मृत्यु 6 जुलाई, 2002 को हुई, लेकिन उनका उदार दृष्टिकोन और उद्यमिता का प्रेरणा स्रोत लोगों के दिलों में सदैव जिंदा रहेगा।
धीरुभाई अंबानी के परिवार में उनकी पत्नी का नाम कोकिलाबेन था। उनके दो बेटे हैं- मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी।
धीरुभाई के बेटे मुकेश अंबानी के बारे में, वे भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति हैं और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अध्यक्ष हैं। वे पेट्रोलियम, गैस, पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम, रिटेल और इंटरनेट सेवा क्षेत्र में बिजनेस करते हैं।
धीरुभाई के दूसरे बेटे अनिल अंबानी, भी भारतीय उद्योग और व्यापारी हैं जिन्होंने अपने व्यवसाय के माध्यम से अपने पिता के पदचिह्न और प्रसिद्धि को जारी रखा है। उन्होंने रिलांस कैपिटल और रिलांस इंफ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
धीरुभाई की बहु, नीता अंबानी, एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं। वे एक विशेष ध्यान रखती हैं, विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज सेवा के क्षेत्र में।
कौन हैं Punjab’s Dhirubai Ambani ?
तो कौन है वह शक्स जिसने मामूली से काम से शुरुआत करके आज 17000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया है। पंजाब से ताल्लुक रखने वाले इस शख्स का नाम राजेंद्र गुप्ता है, इन्हें Punjab’s Dhirubai Ambani कहा जाता है। राजेंद्र गुप्ता ट्राइडेंट लिमिटेड के कॉर्पोरेट एडवाइजर और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन हैं।
2007 में राजेंद्र गुप्ता (Punjab’s Dhirubai Ambani ) को बिजनेस सेक्टर में उनके असामान्य काम के लिए भारतीय राष्ट्रपति ने पद्म श्री से सम्मानित किया। उन्हें हाल ही में चंडीगढ़ में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष नामित किया गया था। राजेंद्र गुप्ता (Punjab’s Dhirubai Ambani )भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स और उद्योग (FICCI) के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में सक्रिय हैं। गुप्ता (Punjab’s Dhirubai Ambani ) व्यावसायिक और उद्योग से संबंधित मुद्दों के लिए पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में प्रतिनिधि के रूप में भी उपस्थित हैं।
क्या है Punjab’s Dhirubai Ambani राजेंद्र गुप्ता की कहानी?
राजेंद्र गुप्ता (Punjab’s Dhirubai Ambani) ने अपनी व्यावसायिक जीवन की शुरुआत सीमेंट पाइप और मोमबत्तियों के छोटे से काम से की थी। उनकी आरंभिक आय रोज़ाना के आधार पर मात्र 30 रुपये थी। 1980 के दशक में, उन्होंने बड़े कारोबार के लिए निर्णय लिया और 1985 में अभिषेक इंडस्ट्रीज की स्थापना की। इसके बाद, उन्होंने साझेदारी में कटाई मिल की शुरुआत की। उसके बाद, उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1991 में, उन्होंने नई सफलता के नए मापदंड स्थापित किए। उसके बाद, उन्होंने अपने व्यावसाय को पंजाब और मध्य प्रदेश में विस्तार किया। आज, उनका कारोबार 17 हजार करोड़ रुपये का है।
फिर राजेंद्र गुप्ता (Punjab’s Dhirubai Ambani) ने अपने व्यावसाय को पंजाब और मध्य प्रदेश में विस्तार किया। उनके ट्राइडेंट ग्रुप के ग्राहकों में वॉलमार्ट, जेसीपीनी और लग्जरी एंड लिनन शामिल हैं। हालांकि, वह (Punjab’s Dhirubai Ambani) साल 2022 में परिवार और स्वास्थ्य से संबंधित कारणों से ट्राइडेंट के निदेशक मंडल से अलग हो गए। अब वे ग्रुप के चेयरमैन हैं और इसका मुख्यालय लुधियाना में स्थित है। उन्होंने अपनी हैसियत के हिसाब से जिस समय अभिषेक इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी, उससे बड़ा रिस्क उठाया था।
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