आज हम आपको बताएँगे एक ऐसे इंसान की Success Story जिसने आर्मी छोड़ कर अपने ससुर के साथ बिज़नेस स्टार्ट कर दिया था। इस Success Story में आप जानेंगे कि कैसे एक आदमी फ़ौजी से भारत का सीबीएसई बड़ा बिल्डर बन गया। देखिये कुशल पाल सिंह की Success Story जो न सिर्फ़ एक बड़े बिज़नेसमैन है बल्कि देश का सबसे अमीर बिल्डर भी है।
केपी सिंह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के निवासी हैं। उनका जन्म फेमस वकील चौधरी मुख्तार सिंह के घर में हुआ था। सिंह ने मेरठ कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर यूके में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की।
के पी सिंह की Success Story
बड़ी संख्या में लोग नौकरी छोड़कर व्यापार करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन इसमें से कुछ ही लोग सफलता प्राप्त कर पाते हैं। और इन ही लोगों की Success Story लोगों को प्रेरणा देती है।
कुशल पाल सिंह (Kushal Pal Singh) को प्रॉपर्टी टाइकून के रूप में भी जाना जाता है। उनका व्यापारी जीवन बहुत सफल रहा है। 1961 में सेना की नौकरी छोड़ने के बाद वह 1946 में ससुर द्वारा शुरू की गई डीएलएफ लिमिटेड में शामिल हो गए।
इस कंपनी के काम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने किसानों से जमीन खरीदी और उस जमीन का उपयोग डीएलएफ सिटी के निर्माण में किया। डीएलएफ का हेड ऑफिस आउटर दिल्ली में है और उसके चेयरमैन उनके बेटे राजीव सिंघ हैं। डीएलएफ भारत में सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के रूप में सार्वजनिक तौर पर काम कर रही है और अपनी Success Story लोगों को चीख चीख कर सुना रही है।
GIC सिंगापुर की साझेदारी
अगस्त 2017 में कुशल पाल सिंह ने डीएलएफ (DLF) के किराये के कारोबार का तीसरा हिस्सा जीआईसी (GIC), सिंगापुर को 1.9 बिलियन डॉलर में बेच दिया। इस डील के तहत डीएलएफ और जीआईसी ने दिल्ली में एक डीलक्स रेजिडेंशियल डेवलपमेंट को 2022 में पेश किया था।
कुशल पाल सिंह ने 50 साल से ज्यादा समय तक डीएलएफ के चेयरमैन के रूप में काम किया था। जून 2020 में वे संभावित उम्र के बाद रिटायर हो गए लेकिन वे वर्तमान में भी डीएलएफ के आदर्श चेयरमैन हैं।
कुशल पाल सिंह के नेतृत्व में डीएलएफ ने वास्तविकता के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बनाया है। उन्होंने कंपनी को विश्वसनीयता और विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके प्रबल नेतृत्व के दम पर, डीएलएफ ने बड़े परिवर्तन और सफलता की दिशा में प्रगति की। उनकी योजना बनाने की चतुराई, दृढ़ संवेदनशीलता, और बिज़नेस माइंड ने उन्हें उनके क्षेत्र में एक कभी ना रुकने वाला व्यक्ति बना दिया है। उनके नेतृत्व में डीएलएफ की वृद्धि और उनकी Success Story व्यापारिक क्षेत्र में एक प्रेरणा स्रोत बन गई है।
कौन हैं के पी सिंह
केपी सिंह भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के निवासी हैं। उनका जन्म फेमस वकील चौधरी मुख्तार सिंह के घर में हुआ था। सिंह ने मेरठ कॉलेज से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया और यूके में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। यूके में ब्रिटिश ऑफिसर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड ने उन्हें इंडियन आर्मी में शामिल होने के लिए चुना। 1951 में उन्हें डेक्कन हॉर्स में कमीशन प्राप्त हुआ।
रियल एस्टेट की दुनिया का मुग़ल
केपी सिंह के मन में कुछ और विशेष करने की इच्छा थी और उन्होंने 1960 में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी में काम शुरू किया। कुछ समय बाद 1979 में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड से जुड़ने के बाद उन्होंने प्रबंध निर्देशक (मैनेजिंग डायरेक्टर) के रूप में चौधरी रघुवेंद्र सिंह की जगह ली। देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट मुग़ल के पी सिंह (कुशल पाल सिंह) की Success Story सुनाएँ तो उनको 2008 में फोर्ब्स की दुनिया के सबसे धनी लोगों की सूची में आठवें स्थान पर रखा गया था।
के पी सिंघ की कुल संपत्ति | KUSHAL PAL SINGH NET WORTH
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार केपी सिंह जिन्होंने डीएलएफ सिटी की पहचान बनाने में योगदान दिया है उनकी वर्तमान में कुल संपत्ति का आंकड़ा लगभग 11.1 बिलियन डॉलर (90,000 करोड़ रुपये) है जो उनकी Succes Story का ही तो फल है। उन्होंने गुरुग्राम में कई भूकंप प्रतिरोधी ऑफिस स्पेस, आवासीय प्रोजेक्ट, रिटेल सेंटर और विभिन्न मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण किया है।
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