जी हां, आपने सही पढ़ा है, इंदिरा गांधी ने JRD Tata से माँगी थी माफ़ी। बीती 29 जुलाई को जेआरडी टाटा का जन्मदिन था। और इस मौक़े पर हम आपको बताते हैं उस वक़्त की एक घटना जब JRD Tata को इतना अपमानित किया गया था कि पीएम इंदिरा गांधी को खुद एक पत्र लिखकर उनसे माफ़ी मांगनी पड़ी थी।
JRD Tata, नाम तो सुना ही होगा
जेआरडी टाटा (JRD Tata) एक इंडस्ट्रियलिस्ट थे जिन्होंने भारत की इकॉनमी में अहम योगदान दिया था। उन्हें टाटा समूह (TATA Group) के चेयरमैन के रूप में भी जाना जाता है, और उन्होंने भारत को पहली एयरलाइन (Airlines) भी दी थी।
उनके कार्यकाल के दौरान टाटा ग्रुप ने 14 नई कंपनियों की स्थापना की थी, जैसे कि टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा केमिकल (Tata Chemicals), टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (TCS) और टाइटन (Titan) आदि। उनकी पसंदीदा कंपनी टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines) थी। उनका जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस, फ्रांस में हुआ था।
टाटा एयरलाइंस के लॉंच पर JRD Tata ने ख़ुद उड़ाया था विमान
JRD Tata ने 1932 में टाटा एयरलाइन की स्थापना की थी, और खुद विमान को कराची से बम्बई तक उड़ाया था, जिसमें 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थी। भारत की आजादी के समय, वर्ष 1949 में टाटा एयरलाइंस को प्राइवेट कंपनी बना दिया गया और उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया।
सरकार ने एयरलाइंस की लगभग 49% हिस्सेदारी खरीद ली और वर्ष 1954 में दो कंपनियां स्थापित की, इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया। जेआरडी टाटा को पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एयर इंडिया का अध्यक्ष बनाया था, और बाद में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने भी JRD Tata को इस पद पर ही बने रहने दिया था। इसके बाद स्थितियों में बदलाव देखने को मिला था।
क्यों किया मोरारजी देसाई ने JRD Tata को अपमानित
1977 में मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने थे। और उन्होंने जेआरडी टाटा को एयर इंडिया से अपमानित कर बर्खास्त कर दिया था। जनवरी 1978 में एयर इंडिया के एक विमान, पायलट की गलती से दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण, मोरारजी सरकार ने JRD Tata की गलती को मानते हुए उन्हें एयर इंडिया के चेयरमैन पद से हटा दिया था।
इस फैसले के खिलाफ उस समय लोगों ने भी विरोध किया था और इसकी खबर ऑल इंडिया रेडियो ने प्रसारित की थी।
6 दिन बाद लिखी थी चिट्ठी
JRD Tata को चेयरमैन पद से हटाए जाने के 6 दिन बाद प्रधानमंत्री की एक चिट्ठी मिली, जिसमें लिखा था कि यह फैसला कुछ बदलावों के लिए किया गया है। उसके बाद, जेआरडी ने उस पत्र का जवाब दिया जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी और गुस्सा व्यक्त किया और बोला कि उन्हें एयर इंडिया से निकालने का तरीका बहुत गलत था।
बिना सैलरी के किया था इतने समय काम JRD Tata ने
जेआरडी टाटा ने एयर इंडिया के चेयरमैन के पद पर सेवा करते वक्त सरकार से सैलरी के रूप में एक पैसा भी नहीं लिया और बिना सैलरी के ही एयर इंडिया को संभाले रखा।
फिर भी, बिना किसी वजह के अचानक उन्हें एयर इंडिया से हटा दिया गया। इस संबंध में लंदन के डेली टेलीग्राफ अखबार (Daily Telegraph dated February 27, 1978) ने खबर छापी थी जिसमें लिखा गया था – ‘अनपेड एयर इंडिया चीफ इज सैक्ड बाई देसाई’ (Unpaid Air India Chief is Sacked by Desai.)
इंदिरा गांधी का पत्र JRD Tata के नाम
1978 में जब इंदिरा गांधी को मोरारजी देसाई सरकार के फैसले के बारे में पता चला, तो उन्होंने दुखी मन से JRD Tata को एक पत्र लिखा। उस खत में इंदिरा गांधी ने टाटा के काम की प्रशंसा की थी। JRD Tata ने जब इंदिरा का पत्र पढ़ा तो वे बहुत भावुक हो गए।
इंदिरा ने उस पत्र में लिखा था कि “हमें आप पर और आपकी एयरलाइन पर पूरे भरोसे के साथ-साथ गर्व भी है। इसके अलावा आप एयर इंडिया के चेयरमैन ही नहीं बल्कि उसके जनक और पालक भी हैं। आपका एयर इंडिया से जिस तरीके का भावनात्मक जुड़ाव है वह सबको दिखाई देता है। आपने पूरी दुनिया में एयर इंडिया को प्रसिद्धी दिलाई है। आपके इस कार्य के लिए भारत हमेशा आपका आभारी रहेगा।” इसके बाद जेआरडी टाटा ने इंदिरा को पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया।
इंदिरा ने दोबारा बनाया था चेयरमैन
1980 में इंदिरा गांधी ने सत्ता में वापसी करते ही सबसे पहले JRD Tata को एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के बोर्ड में वापसी करा दी और उन्हें फिर से एयर इंडिया का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद टाटा ने भी इन दोनों कंपनियों को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
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